Zainab Aqil Khan
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से लेकर सूबे के हर कोने में कभी जिस माफिया मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी, अब वह करीब दो साल से पंजाब की जेल में शरण लिए इसकी बड़ी वजह मुख्तार के साम्राज्य की प्रदेश में ढहती दीवारें हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में पुलिस-प्रशासन की माफिया व अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जद में मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों की काली कमाई का बड़ा हिस्सा भी आ चुका है। गिरोह के सदस्यों पर बढ़ती कानूनी गिरफ्त ने माफिया से माननीय बने मुख्तार अंसारी को जमीन छोड़ने तक को मजबूर कर दिया। मुख्तार व उसके सहयोगियों के कब्जे से अब तक 192 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी जमीन मुक्त कराने के साथ ही अवैध निर्माण ढहाए जा चुके हैं।
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