डा यू एस भगत वाराणसी
निजीकरण के खिलाफ एसबीआइ की मुख्य शाखा पर बैंककर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन
वाराणसी । निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकर्स यूनियन (यूएफबीयू) की ओर से दो दिवसीय आंदोलन के तहत पहले दिन सोमवार को सभी बैंकों के कर्मचारियों ने विभिन्न शाखाओं एवं अंचल कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे सभी का संयुक्त धरना एवं विरोध सभा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा पर हुई। वक्ताओं ने कहा कि हड़ताल के कारण कैश क्लियरेंस, ड्राफ्ट, आरटीजीएस, नेफ्ट आदि कार्य नहीं होने के कारण करीब 400 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ। करीब 16 हजार चेक का क्लियरेंस भी रुका। सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष रामबिसुन चौबे ने निजीकरण से होने वाले नुकसान को विस्तार से बताया। वाराणसी इकाई के संयोजक अभिषेक श्रीवास्तव, अमिताभ भौमिक, संजय शर्मा, दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से बैंक व कर्मियों के साथ ही दूसरों को भी परेशानी होगी। संजय शर्मा ने कहा कि जिले में विभिन्न बैंकों की 300 शाखाएं हैं जिसमें 3500 कर्मचारी हैं। बताया कि पूर्वांचल में करीब 800 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ। पदाधिकारियों ने कहा कि सरकारी बैंकों ने सबसे ज्यादा जन-धन योजना के तहत खाता खोले। मुद्रा योजना व पीएम स्वनिधि के तहत लोन देने का कार्य भी पूरी ईमानदारी से किया गया। अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि अगर सरकार अपने इस अडिय़ल रवैये को नहीं छोड़ती है तो आंदोलन और तेज व उग्र होगा। इस मौके पर विजय मिश्रा, सुरेश चंद्रा, प्रकाश रंजन, पंकज कुमार, बैंक ऑफ इंडिया से पवन गुप्ता, आशुतोष शर्मा, अनंत मिश्रा, प्रेम प्रकाश, सेंट्रल बैंक से विवेक पांडेय, यूनियन बैंक से गिरधर गोपाल, अभय श्रीवास्तव ने विचार रखे। महिला कर्मचारियों में नम्रता शाह दुबे, पूजा यादव, बिन्नी कुमारी, अर्चना, अनुराधा, स्वाति, श्वेता, शुभ्रा, निधि, सोनिया, अनामिका, रचना, ज्योति, सुहासिनी, गरिमा, शिखा आदि मौजूद थीं। 16 मार्च को धरना-प्रदर्शन मकबूल आलम रोड स्थित पीएनबी के आंचलिक कार्यालय पर किया जाएगा।
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