बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार और शोमैन राजकपूर के पाकिस्तान स्थित पैतृक मकानों पर विवाद जारी है। खैबरपख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार दोनों दिग्गज अभिनेताओं के मकान को संग्रहालय बनाना चाहती है, लेकिन दोनों मकान के मालिक सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर संपत्ति बेचने को तैयार नहीं हैं। पाकिस्तान के पेशावर स्थित दिलीप कुमार के प्रवक्ता फैजल फारुकी ने प्रांतीय सरकार और दोनों मकान मालिकों से विवाद सुलझाने की गुजारिश की है। फैजल ने कहा कि महान अभिनेताओं के पैतृक आवासों को सहेजने से ना केवल पेशावर बल्कि पाकिस्तान के पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए फैजल फारुकी ने कहा कि महान अभिनेता दिलीप कुमार के मन में पेशावर स्थित उनका जन्मस्थान और उनका मोहल्ला खुदादाद उनके दिल में बसता है। वर्ष 1922 में यहीं पर उनका जन्म हुआ था और भारत जाने से पहले 1935 तक वह यहीं रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार महान अभिनेता दिलीप कुमार के सम्मान और सिनेमा में दिए गए उनके योगदान को देखते हुए उनके पुश्तैनी मकान को संग्रहालय में बदलना चाहती है। सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में रहने वाले दिलीप कुमार के फैन भी काफी खुश हैं और संग्रहालय को लेकर काफी उत्साहित हैं।
प्रांतीय सरकार ने दिलीप कुमार और राजकपूर के पैतृक मकानों को खरीदने के लिए 2.35 करोड़ मंजूर किए हैं। चार मरला (101 वर्ग मीटर) पर बने दिलीप कुमार के घर को खरीदने के लिए सरकार ने 80.56 लाख रुपये जारी किए हैं जबकि राजकपूर के छह मरला (151.75 वर्ग मीटर) में बने मकान को खरीदने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इन दोनों मकानों को खरीदने के बाद सरकार इन्हें संग्रहालय में तब्दील करेगी। हालांकि दोनों मकानों के मालिकों ने सरकार द्वारा तय की गई कीमत पर घर बेचने से इन्कार कर दिया है।
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