Anju Pathak and Avdhesh Mishra
*यदि बात समूचे भारत की करे तो बिना दलाल के आरटीओ विभाग का कोई काम संभव नहीं*
जौनपुर
भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला एआरटीओ विभाग पर डीएम की टेढ़ी नजर पड़ गयी। आज सूबह डीएम मनीष कुमार वर्मा सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय पर धमक पड़े। जहां हर पटल पर बारीकी से निरीक्षण किया वही लाइसेंस बनवाने लिए आये अभ्यार्थियों से बातचीत भी किया। एक अभ्यार्थी ने बताया कि उसका लाइसेंस बनवाने के लिए एक बिचैलियें साढ़े तीन सौ की जगह 36 सौ रूपये लिया है। इतना सुनते ही डीएम के तेवर तल्ख हो गया। उन्होने तत्काल उस बिचैलिये को चिन्हित करके उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया। निरीक्षण में सरकार के एक मंत्री का चहेता कर्मचारी भी नदारत मिलने पर उसका एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। डीएम के तेवर से विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और दलालों में हड़कंप मच गया है।* निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित लाइसेंस बनवाने वालों से बात की। पूछा कि लाइसेंस बनवाने के लिए कितने रुपये लिए जा रहे हैं। लोगों ने बताया कि लाइसेंस बनवाने आए मंगल प्रजापति निवासी राशिदाबाद विशेश्वरपुर से बात की। उन्होंने बताया कि हमारा लाइसेंस बनवाने के लिए 3600 रुपये बिचौलिए ने लिया है। डीएम का आदेश मिलने के बाद आर आई ने लाइनबाजार थाने की तहरीर पर आरोपी दिवाकर के खिलाफ धारा 406 व 420 के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
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