प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों को राहत देते हुए उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। मुख्तार के बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी के नाम जमीन का फर्जी बैनामा कराकर होटल बनाने का आरोप है। इस मामले में मुख्तार की पत्नी आफशा अंसारी की जमानत तीन फरवरी को ही मंजूर हो चुकी है। अग्रिम जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने सुनवाई की।
आरोप है कि याची अब्बास अंसारी व उमर अंसारी ने गाजीपुर में होटल बनाने के लिए जिस जमीन का बैनामा कराया गया उसकी लीज पहले ही समाप्त हो चुकी थी। बेचने वालों को वह जमीन बिक्री का अधिकार ही नहीं था। जमीन सरकारी थी, जिसके दस्तावेजों में हेरफेर कर बैनामा कराया गया। वहीं, याचीगण का कहना था उनको राजनीतिक विद्वेष के कारण फंसाया गया है। उनकी कोई गलती नहीं और न ही किसी प्रकार का अपराध हुआ है।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ की बेंच ने अफशां अंसारी की बेल याचिका मंजूर करते हुए अग्रिम जमानत दी है। 22 जनवरी को सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था, जिस पर तीन फरवरी को कोर्ट ने शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट के मोहम्मद इब्राहिम बनाम बिहार सरकार के मामले का संदर्भ लेते हुए अफशां अंसारी के बेल अर्जी को मंजूर किया है। अफशां अंसारी पर गजल के जमीन खरीद मामले में फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप है। अफशां अंसारी के बेल मामले में सत्र न्यायालय से अर्जी खारिज होने के बाद अंसारी परिवार ने हाई कोर्ट का रुख किया था।
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