खुटहन ,जौनपुर
इस बार होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ब्लाक प्रमुख का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया है। वर्ष 1962 में अस्तित्व में आए इस ब्लाक के प्रमुख की कुर्सी पर पहली बार अनुसूचित जाति की महिला विराजमान होंगी। इससे पहले कभी राजपूत तो कभी यादव के पास कुर्सी रही है। सबसे ज्यादा 33 साल प्रमुख हरिश्चंद्र यादव रहे।
अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार के लिए पद आरक्षित कर दिए जाने से तमाम राजनीतिक दिग्गजों के अरमानों पर पानी फिर गया है। बता दें कि यहां के ब्लाक प्रमुख पद को लेकर पूरे जिले की सियासत हमेशा गर्म रही है। दिग्गज तक खुलकर एक पक्ष को जिताने में एड़ी-चोटी का जोर लगा चुके हैं। सपा व भाजपा के विधायक तक अपने प्रत्याशी को जिताने में एलानिया गुणा-गणित बैठाते रहे हैं। दो बार अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रमुख बदले जा चुके हैं। अतीत के पन्नों को पलटें तो वर्ष 1962 से 1995 तक लगभग 33 साल लगातार हरिश्चंद्र यादव प्रमुख रहे। इसके बाद अशोक यादव फिर वर्ष 2000 से 2005 तक बैजनाथ यादव प्रमुख रहे। 2005 में भानुमती देवी पत्नी अशर्फी यादव को पहली महिला ब्लाक प्रमुख बनने का सौभाग्य मिला, लेकिन वह कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। रीता यादव पत्नी श्रीपाल ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनसे कुर्सी हथिया ली। इस तरह से शुरू के पूरे 48 साल तक यादव बिरादरी के हिस्से में प्रमुख की कुर्सी रही।
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