इस साल माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानी मौनी अमावस्या अबकी 11 फरवरी को है. माघ मेले के इस प्रमुख स्नान पर्व पर ऋद्धालु संगम सहित गंगा और यमुना के विभिन्न घाटों पर डुबकी लगाएंगे. ये 10 फरवरी की रात में 12 बजकर 19 मिनट से शुरु होकर 11 फरवरी को रात में 11.48 बजे तक रहेगा. ऐसे में स्नान गुरुवार को भोर से शुरू हो जाएगा.
ज्योतिष के मुताबिक अबकी छह ग्रहीय संयोग बन रहे हैं. मकर राशि में शनिदेव का स्वगृही गोचर के साथ शुक्र, बुध, चंद्र, सूर्य सहित देवगुरु नीचस्थ रहेंगे. यह संयोग इस दिन के महात्म्य में वृद्धि करने वाला है.
इसके साथ ही मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व माना गया है. शास्त्रों में वसंत पंचमी को विद्यारंभ एवं अन्य प्रकार के मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है. इसी के साथ कहा जाता है कि वसंत पंचमी के दिन किसी को भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए.
इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इसलिए इस दिन जातकों को सात्विक जीवन व्यतीत करना चाहिए और मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए.इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए. बल्कि ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ना ही इस प्रकार के भाव मन में लाना चाहिए.
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