इस्लामाबाद
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा को लेकर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने सराहना की है। पाकिस्तान के चरमपंथ, घुसपैठ और संघर्षविराम के उल्लंघन के खराब अनुभवों को देखते हुए यह सवाल जरूर उठता है कि उसका संघर्षविराम का वादा कितना लंबा चलेगा। दरअसल, पाकिस्तान सरहद पर गोलीबारी की आड़ में देश में आतंकवादियों की घुसपैठ कराता है। अगर पाकिस्तान घुसपैठ रोकता हैं तो दोनों देशों के बीच आगे वार्ता शुरू हो सकती है, लेकिन पड़ोसी मुल्क का संघर्ष विराम पर टिके रहना ही उसकी सबसे बड़े चुनौती है। यहीं पर पाकिस्तान की कथनी और करनी की अग्निपरीक्षा होगी। आखिर दोनों देशों के बीच कब शुरू हुआ संघर्षविराम। पाकिस्तान सरकार क्या सच में संघर्षविराम को लेकर गंभीर रही है।
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