भारतीय क्रिकेट टीम ने भले ही सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ कराया हो लेकिन यह किसी भी तरह से जीत के कम नहीं है। मैच के आखिरी दिन भारत ने 2 विकेट के नुकसान पर 98 रन से आगे खेलना शुरू किया था और 5 विकेट पर 344 रन बनाया। मैच खत्म होने की घोषणा किए जाने पर अश्विन और हनुमा विहारी की जुझारू पारी पर ब्रेक लगा।
सिडनी टेस्ट में चोटिल खिलाड़ियों के साथ ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला करते हुए टीम ने मैच ड्रॉ कराया। भारतीय टीम पांचवें दिन चार चोटिल खिलाड़ियों के आसरे मैच में उतरी थी लेकिन हर खिलाड़ी ने जी जान लगाकर मैच बचाया और मेजबान जीत के लिए छटपटाते और झुंझलाते नजर आए।
रिषभ पंत के कोहनी में चोट थी। रवींद्र जडेजा का अंगूठा टूटा था, रविचंद्रन अश्विन के कमर में जकड़न थी और हनुमा विहारी हैमस्टि्रंग की समस्या से जूझ रहे थे। इनमें से पंत ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करके एक बार भारत को जीत का रास्ता दिखाने की कोशिश की तो उनके आउट होने के बाद अश्विन और विहारी ने गेंदों को ब्लॉक करने का रिकॉर्ड बनाया। शायद यह पहली बार होगा जब भारतीय हर गेंद को गिन रहे थे और रन नहीं बनने के बावजूद ताली बजा रहे थे।
दर्शकों की नस्ली टिप्पणियों से जूझने के बाद मैदान में हो रही स्लेजिंग ने भारतीय खिलाडि़यों को और ज्यादा जीवट बना दिया और इसका नतीजा हुआ कि टीम इंडिया ने हारे हुए मैच को ड्रॉ कराया। यह ड्रॉ किसी जीत से कम नहीं है और इसका फायदा ब्रिसबेन में होने वाले चौथे टेस्ट में दिखाई भी देगा।
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