अयोध्या
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने राम मंदिर निर्माण इसी माह शुरू होने की उम्मीद जतायी। उन्होंने निर्माण की तैयारियों पर संतोष जताते हुए निर्माण शुरू होने में आ रही अड़चनों पर भी गौर कराया। बताया कि राम मंदिर की नींव 50 मीटर नीचे जायेगी और जब नींव की सतह का परीक्षण किया गया, तो पता चला कि 17 मीटर तक अस्थायी भराव है और उसके नीचे भुरभुरी बालू की सतह तथा उससे भी नीचे सरयू का प्रवाह है। इस सतह पर मजबूत नींव का निर्माण कैसे हो, इस बारे में तकनीक के कई राष्ट्रीय संस्थानों के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसर, नेशनल बिल्डिग रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञ, टाटा और एल एंड टी के शीर्ष सिविल इंजीनियर्स ने गहन मंथन के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की है। राय के अनुसार इस रिपोर्ट पर सहमति भी बन गयी है। इस सहमति के आधार पर यह तय किया जाना है कि राम मंदिर के परकोटे को सतह के नीचे प्रवाहमान सरयू के खतरे से कैसे बचाया जाय। इसके लिए 235 फीट चौड़े प्रस्तावित मंदिर के पृष्ठ में बड़े बांध की तरह रिटेनिगवाल बनायी जानी है। तो भुरभुरी बालू एवं भराव की सतह पर पकड़ बनाने वाली नींव की विशेष कंक्रीट में सीमेंट-मोरंग आदि का अनुपात भी सुनिश्चित होना है। निधि समर्पण का आह्वान
- चंपत राय ने सोमवार को ही एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में चर्चित सीरियल रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण का आह्वान करते नजर आ रहे हैं। इससे पूर्व राय राम मंदिर के संघर्ष की विजय गाथा से जुड़ी 18 मिनट की लघु फिल्म भी फेसबुक पेज पर जारी कर चुके हैं।
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