नई दिल्ली
कोरोना महामारी से जूझ रहे देश को नए साल के पहले दिन बड़ी सौगात मिली। अब देश को पहली कोरोना वैक्सीन मिलने की औपचारिकता भर रह गई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की है। अंतिम मंजूरी के लिए इसे देश के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) वीजी सोमानी के पास भेजा जाएगा, जो कभी भी इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे सकते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन को भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) कोविशील्ड के नाम से तैयार कर रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को एसईसी ने सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से पेश किए गए ट्रायल के डाटा के गहन परीक्षण के बाद इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सुरक्षित पाया और इसके लिए अनुशंसा करने का फैसला किया। इसके पहले एसईसी ने बुधवार को भी ट्रायल का डाटा का विश्लेषण किया था, लेकिन पूरा विश्लेषण नहीं होने के बाद शुक्रवार को फिर से बैठक बुलाई गई। सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा भारत बायोटेक और फाइजर ने भी अपनी-अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत के लिए आवेदन किया है। सीरम ने छह दिसंबर, भारत बायोटेक ने सात दिसंबर और फाइजर ने अपने टीके को नियामक मंजूरी देने के लिए चार दिसंबर को आवेदन किया था।
सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने एसईसी को मांग के मुताबिक ट्रायल का अतिरिक्त डाटा मुहैया कराया था, लेकिन फाइजर ने अभी तक अतिरिक्त डाटा नहीं दिया। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के अतिरिक्त डाटा का एसईसी विश्लेषण कर रहा और माना जा रहा है कि उसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देने की अनुशंसा कभी भी की जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बाद अगले हफ्ते कभी भी टीकाकरण शुरू किया जा सकता है।
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