Dr. Sharafat Ali and Karan Gupta
पुवायां
सेना भर्ती में खुटार का फर्जी निवास प्रमाणपत्र लगा होने के मामले में प्रथम दृष्टया लेखपाल को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में अन्य कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है। लेखपाल पर कार्रवाई से संबंधित कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।
गौरतलब है कि सेना में फर्जी निवास प्रमाणपत्र लगाकर भर्ती हुए बुलंदशहर के उपेंद्र और अमन कुमार ने खुटार का पता लिखा निवास प्रमाणपत्र लगा रखा था। दोनों ने खुटार के जनसेवा केंद्र संचालक आफताब खां उर्फ भूरे के माध्यम से फर्जी निवास प्रमाणपत्र बनवाए थे। इसके बाद दोनों सेना में भर्ती होकर ट्रेनिंग पर हैं। उपेंद्र और अमन के निवास प्रमाणपत्र सत्यापन को आए तो जांच में पता चला कि इस नाम के लोग खुटार के मोहल्ला इंदिरानगर और सरोजनीनगर में नहीं रहते हैं। इसके बाद पुलिस ने सत्यापन करने आए लखीमपुर के थाना मितौली निवासी शहबाज, मुकेश और थाना मैगलंगज के गांव फतेहपुर निवासी अनिरुद्ध को 16 दिसंबर को पकड़ लिया था। पूछताछ में पता चला था कि निवास प्रमाणपत्र फर्जी हैं और उनको जनसेवा केंद्र संचालक आफताब खां ने बनवाया है। इसके बाद आफताब को भी गिरफ्तार कर चारों को जेल भेज दिया गया था। इस मामले में नौ लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
फर्जी निवास प्रमाणपत्र के मामले को एसडीएम ने भी गंभीरता से लिया था और तहसीलदार को विभागीय जांच के आदेश दिए थे। जांच में नवंबर 2019 में खुटार में तैनात लेखपाल राकेशकांत को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। निवास प्रमाणपत्र इसी समय का बना हुआ है। रिपोर्ट एसडीएम के माध्यम से जिलाधिकारी के पास पहुंचने पर डीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया है। इस मामले में कानूनगो आदि पर भी कार्रवाई हो सकती है।
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