Dr.U.S. Bhagat
गंगा में लहरों पर सवारी के साथ ही नियम कायदों को रखा ताख पर
वाराणसी
जिला प्रशासन की ओर से सोमवार को नाव हादसे में चार लोगों के जान गंवाने के बाद सक्रियता से नियम कायदों की लिस्ट तो जारी हुई बस उसका अनुपालन ही बाकी है। जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बंद नौका संचालन के बाद बाढ़ में भी नौका संचालन बंद रहा। अब बीते बीते सोमवार को हादसे में चार मौतों के बाद प्रशासन ही नहीं बल्कि नाविक भी सजग हो रहे हैं। जानकी घाट पर रविवार की शाम नाव हादसे से सबक लेकर जिलाधिकारी की ओर से जारी नाव संचालन के लिए आवश्यक निर्देशों का पालन करते हुए नाव संचालक दिखे जरूर लेकिन इस दिशा में पूरी मुश्तैदी नहीं दिखाई दी। जिलाधिकारी ने गंगा में नाव संचालन के लिए प्रत्येक नाव सवारों की संख्या के मुताबिक लाइफ जैकेट व लाइफ सेव रिंग गार्ड की अनिवार्यता की है। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के इस आदेश को शुक्रवार को असि घाट पर नाव संचालक कमोवेश पालन करते दिखे जरूर लेकिन औपचारिक रूप से ही। अब पर्यटन सीजन के साथ गंगा में लहरों पर सवारी के साथ ही नियम कायदों को भी ताख पर रख दिया गया है। गुरुवार को जिला प्रशासन ने नौका संचालन पर सख्ती बरतते हुए कई फैसले लिए जिनमें नावों पर लाइफ जैकेट और धारा 144 का पालन अनिवार्य किया गया था। शुक्रवार की सुबह से ही नौका संचालकों ने इन नियम कायदों को ताख पर रखकर सवारी भरना शुरू कर दिया। गंगा में शुक्रवार को नियम कायदों को धता बताते हुए नौकाएं उतरीं, लाइफ जैकेट कुछ ही नौकाओं पर नजर आया तो ओवर लोडिंग भी धड़ल्ले से होती रही। डीएम की ओर से जारी आदेश का मौके पर जरा भी पालन होता कहीं नजर नहीं आया। शुक्रवार को भी ज्यादातर नौकाएं बिना लाईफ जैकेट सपोर्ट के ही चलती नजर आईं। सिर्फ इक्का - दुक्का नावों में ही लाइफ जैकेट का इस्तेमाल होता रहा। घाट से घाट या इस पार से उस पार जाने वालों के लिए सुरक्षा का कहीं भी पालन नहीं दिखा। जल पुलिस भी इस दौरान मूक दर्शक की भूमिका में नजर आयी और लोग घाटों पर भी धारा 144 का मखौल उड़ाते हुए तफरीह करते नजर आए।
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