वैश्विक सौहार्द के प्रतीक माने जाने वाले इस मंदिर के फाइनल मास्टर प्लान में अबू मुरेख परिसर में एक पुस्तकालय, एक क्लास रूम, एक मजलिस तथा एक सामुदायिक केंद्र को दिखाया गया है।
मास्टर प्लान का काम 2020 की शुरुआत में पूरा हो गया था, लेकिन महामारी के कारण काम की गति धीमी पड़ गई। मंदिर प्रबंधन के प्रवक्ता अशोक कोटेचा ने बताया कि यह पहला मौका है, जब फाइनल डिजाइन को वीडियो के जरिये जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि मंदिर का काम सामुदायिक सहयोग तथा भारत और यूएई के नेतृत्व के मार्गदर्शन में चल रहा है। महामारी के बावजूद पत्थर तराशी का काम भारत में चलता रहा। इसमें भारत के विभिन्न मतों तथा महाभारत, रामायण तथा पुराणों की कहानियां उकेरी जा रही हैं।
No comments:
Post a Comment