आधुनिक समय में अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे देखने को मिल जाएंगे। आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का औषधि रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो सेहत और सुंदरता के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। डॉक्टर्स भी कोरोना वायरस महामारी दौर में तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने की सलाह देते हैं। साथ ही बदलते मौसम में होने वाले मौसमी बुखार, सर्दी-खांसी में भी रामबाण दवा है।
जबकि आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों की चाय पीने की भी सलाह दी गई है। इससे कई बीमारियों में आराम मिलता है। हालांकि, तुलसी के पत्तों को चबाना नहीं चाहिए। अगर आपको इस बारे में नहीं पता पता है, तो आइए जानते हैं कि तुलसी के पत्तों को क्यों नहीं चबाना चाहिए-
विशेषज्ञों की मानें तो तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व होते हैं जो कि पत्तों को चबाने से दांतों पर लग जाते हैं। जिससे आपके दांत खराब हो सकते हैं। अतः तुलसी के पत्तों का सेवन करते समय ध्यान रखें कि इन पत्तों को चबाने के बजाय चाय अथवा काढ़ा बनाकर सेवन करना उचित है।
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