पर्यावरण असंतुलन के चलते धरती पर तमाम बदलाव हो रह हैं. कहीं भीषण बारिश तो कहीं सूखा ने धरती पर तमाम मुश्किलें पैदा कर दी है. समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते कई शहरों के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसा ही कुछ हो रहा है अरब सागर में स्थित खूबसूरत देश मालदीव के साथ. भारत का एक खूबसूरत पड़ोसी देश मालदीव लगातार सिकुड़ता जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में इस देश के एक हजार से ज्यादा छोटे द्वीप पानी में समा जाएंगे. हालांकि, यह देश अपने द्वीपों की खूबसूरती की वजह से ही दुनियाभर के पर्यटकों की पसंदीदा जगह है,
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव दुनिया का शायद ऐसा अकेला देश है, जिसके समुद्र में समा जाने और सिकुड़ने का खतरा साफ नजर आ रहा है. बता दें कि मालदीव समुद्री किनारों को दुनियाभर में लग्जरी बीचेज के रूप में जाना जाता है. यहां के समुद्री किनारों की खूबसूरती वाकई में शानदार है. मालदीव में समुद्र का नीला पानी और यहां के रिसोर्ट्स किसी का भी मन मोह लेते हैं. लेकिन एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, मालदीव का 80 फीसदी इलाका समुद्र स्तर के बहुत करीब आ गया है.
जिससे इसके पानी में डूबने की आशंका ज्यादा हो गई है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव में लगभग 1,200 ऐसे द्वीप हैं, जो बहुत जल्दी पानी में समा सकते हैं. इस बात का जिक्र मालदीव के उपराष्ट्रपति वहीद हसन ने वर्ल्ड बैंक से भी किया है. उन्होंने कहा कि हम दुनिया के उन देशों में हैं, जहां वाकई डूबने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है. इसलिए हमें कोई ऐसा तरीका देखना होगा कि हम कैसे उससे बच सकते हैं.
पृथ्वी के बदलते क्लाइमेट के चलते दुनियाभर में समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके चलत मालदीव पर खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि मालदीव के द्वीप बहुत निचाई पर हैं. साल 2008 में मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीन ने भी कहा था कि वो कहीं और जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं.
ताकि डूबने की स्थिति में देश के नागरिकों को वहां भेजा जा सके. हालांकि, मालदीव में जियो इंजीनियरिंग के जरिए समुद्र के बीच में ही एक नया शहर विकसित किया जा रहा है, जिसे सिटी ऑफ होप यानि हुलहुमाले नाम दिया गया है. यह नई जगह माले से बस 20 मिनट के रास्ते पर है. इस नए कृत्रिम द्वीप हुलहूमाले को लाखों क्यूबिक मीटर बालू डालकर बनाया गया है.
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