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डा प्रमोद वाचस्पति
जौनपुर के मशहूर वयोवृद्ध चिकित्सक के निधन से शोक की लहर
जौनपुर शहर के बारा दुवरिया मोहल्ले के निवासी एवं वयोवृद्ध चिकित्सक हकीम महबूब आलम का 82 वर्ष की उम्र में मंगलवार को सुबह करीब 8:00 बजे निधन हो गया! जिसके कारण चिकित्सकों हकीमों तथा वैद्यों एवं औषधि व्यवसाय एवं निर्माण कार्य से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई !उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय महबूब आलम एक अच्छे हकीम होने के साथ-साथ औषधि निर्माण व्यवसाय में महबूब लैबोरेट्री के संस्थापक भी रहे!इसके अलावा स्वर्गीय हकीम साहब शहर के साजिदा गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रबंधक भी रहे !गौरतलब है कि अपने शुरुआती सामाजिक सेवा कार्य के समय उन्होंने इस इंटर कॉलेज के बिल्डिंग को अपने देखरेख में मुकम्मल करवाया था! मोहम्मद हसन इंटर कॉलेज के उपाध्यक्ष रहने के साथ-साथ मदरसा कुरानिया के मोहतमिम प्रबंधक के रूप में भी सराहनीय कार्य किया !एक शिक्षक के रूप में भी आपकी भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा !स्वर्गीय महबूब साहब हमदर्द कंपनी के तिब्बिया कॉलेज दिल्ली के लेक्चरर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं! आपके चार पुत्रों में सबसे बड़े आसिफ महबूब भी शिक्षक है उनके दूसरे पुत्र डॉक्टर बिलाल महबूब फार्मेसी चला रहे हैं उनके तीसरे व चौथे पुत्र जाबिर महबूब वह डॉक्टर साबिर महबूब भी औषध व्यवसाय एवं निर्माण कार्य करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं !इस प्रकार स्वर्गीय हकीम साहब अपने लंबे कार्यकाल में जन सेवा करते हुए भरा पूरा परिवार संपन्न पूर्वक करते हुए स्वर्गीय हो गए !हालाकी कोरोना की बंदी होने के कारण आपके जनाजे में अधिकांश लोग उनके शुभचिंतक और रिश्तेदार अधिक संख्या में शामिल नहीं हो सके और गिनती के कुछ लोगों के साथ अंतिम संस्कार उसी दिन शाम को लगभग 5:30 बजे खास हौज कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया! बावजूद इसके उनके तमाम चाहने वाले फोन के माध्यम से अपनी संवेदनाएं परिजनों को व्यक्त कर रहे हैं! आइडियल जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रमोद वाचस्पति एवं आयुर्वेद यूनानी कार्यालय के सेवानिवृत्त डॉक्टर इशरत हुसैन ने स्वर्गीय महबूब साहब के घर जाकर संवेदनाएं व्यक्त किया एवं श्रद्धांजलि दिया!
डा प्रमोद वाचस्पति
जौनपुर के मशहूर वयोवृद्ध चिकित्सक के निधन से शोक की लहर
जौनपुर शहर के बारा दुवरिया मोहल्ले के निवासी एवं वयोवृद्ध चिकित्सक हकीम महबूब आलम का 82 वर्ष की उम्र में मंगलवार को सुबह करीब 8:00 बजे निधन हो गया! जिसके कारण चिकित्सकों हकीमों तथा वैद्यों एवं औषधि व्यवसाय एवं निर्माण कार्य से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई !उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय महबूब आलम एक अच्छे हकीम होने के साथ-साथ औषधि निर्माण व्यवसाय में महबूब लैबोरेट्री के संस्थापक भी रहे!इसके अलावा स्वर्गीय हकीम साहब शहर के साजिदा गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रबंधक भी रहे !गौरतलब है कि अपने शुरुआती सामाजिक सेवा कार्य के समय उन्होंने इस इंटर कॉलेज के बिल्डिंग को अपने देखरेख में मुकम्मल करवाया था! मोहम्मद हसन इंटर कॉलेज के उपाध्यक्ष रहने के साथ-साथ मदरसा कुरानिया के मोहतमिम प्रबंधक के रूप में भी सराहनीय कार्य किया !एक शिक्षक के रूप में भी आपकी भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा !स्वर्गीय महबूब साहब हमदर्द कंपनी के तिब्बिया कॉलेज दिल्ली के लेक्चरर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं! आपके चार पुत्रों में सबसे बड़े आसिफ महबूब भी शिक्षक है उनके दूसरे पुत्र डॉक्टर बिलाल महबूब फार्मेसी चला रहे हैं उनके तीसरे व चौथे पुत्र जाबिर महबूब वह डॉक्टर साबिर महबूब भी औषध व्यवसाय एवं निर्माण कार्य करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं !इस प्रकार स्वर्गीय हकीम साहब अपने लंबे कार्यकाल में जन सेवा करते हुए भरा पूरा परिवार संपन्न पूर्वक करते हुए स्वर्गीय हो गए !हालाकी कोरोना की बंदी होने के कारण आपके जनाजे में अधिकांश लोग उनके शुभचिंतक और रिश्तेदार अधिक संख्या में शामिल नहीं हो सके और गिनती के कुछ लोगों के साथ अंतिम संस्कार उसी दिन शाम को लगभग 5:30 बजे खास हौज कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया! बावजूद इसके उनके तमाम चाहने वाले फोन के माध्यम से अपनी संवेदनाएं परिजनों को व्यक्त कर रहे हैं! आइडियल जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रमोद वाचस्पति एवं आयुर्वेद यूनानी कार्यालय के सेवानिवृत्त डॉक्टर इशरत हुसैन ने स्वर्गीय महबूब साहब के घर जाकर संवेदनाएं व्यक्त किया एवं श्रद्धांजलि दिया!

बीच में हकीम महबूब आलम बाये उनकेेे बड़े पुत्र आसिफ महबूब व दाएं तरफ क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी
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